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सक्रिय प्रकटीकरण

रक्षा विभाग

DEPARTMENT OF DEFENCE
आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 4(1)(ख) के अंतर्गत सूचना
1. धारा 4(1)(ख)(i): संगठन, कार्यों और कर्तव्यों का विवरण।
2. धारा 4(1)(ख) (ii): इसके अधिकारियों और कर्मचारियों की शक्तियाँ और कर्तव्य।
3. धारा 4(1)(ख) (iii): पर्यवेक्षण और जवाबदेही के चैनल सहित निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया।
4. धारा 4(1)(ख)(iv): कार्यों के निर्वहन के लिए मानदंड।
5. धारा 4(1)(ख) (v): इसके द्वारा या इसके नियंत्रण में अथवा इसके कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यों के निर्वहन के लिए उपयोग किए जाने वाले नियम, विनियम, निर्देश, नियमावली और रिकॉर्ड।
6. धारा 4(1)(ख)(vi): इसके द्वारा या इसके नियंत्रण में धारित दस्तावेजों की श्रेणियों का विवरण।
7. धारा 4(1)(ख)(vii): जो इसकी नीति के निर्माण या उसके कार्यान्वयन के संबंध में आम नागरिकों के साथ परामर्श या प्रतिनिधित्व के लिए मौजूद किसी भी व्यवस्था का विवरण ।
8. धारा 4(1)(ख)(viii): बोर्ड, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों का एक विवरण जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति शामिल हैं, जो इसके भाग के रूप में अथवा इसकी सलाह के उद्देश्य से गठित हैं, और क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली हैं या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त जनता के लिए उपलब्ध हैं।
9. धारा 4(1)(ख)(ix): अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निर्देशिका ।
10. धारा 4(1)(ख)(x): अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक।
11. धारा 4(1)(ख)(xi): प्रत्येक अभिकरण को आवंटित बजट जिसमें सभी योजनाओं, प्रस्तावित व्यय और किए गए वितरण संबंधी रिपोर्ट्स के ब्यौरे को दर्शाया गया है ।
12. धारा 4(1)(ख)(xii): सब्सिडी कार्यक्रमों के निष्पादन का तरीका , जिसमें आवंटित राशि और ऐसे कार्यक्रमों के लाभार्थियों का विवरण शामिल है ।
13. धारा 4(1)(ख)(xiii): इसके द्वारा दी गई रियायतों, परमिटों अथवा प्राधिकार के प्राप्तकर्ताओं का विवरण।
14. धारा 4(1)(ख)(xiv): इसके पास उपलब्ध या धारित सूचना के संबंध में विवरण। इलेक्ट्रॉनिक रूप में रूपान्तरित ।
15. धारा 4(1)(ख)(xv): सूचना प्राप्त करने के लिए नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं का विवरण, जिसमें पुस्तकालय अथवा वाचनालय के काम के घंटे शामिल हैं, यदि सार्वजनिक उपयोग के लिए बनाए रखा गया है।
16. धारा 4(1)(ख)(xv): जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम और अन्य विवरण ।
17. धारा 4(1)(ख)(xv): यथानिर्धारित ऐसी अन्य सूचना ।

धारा 4(1) (ख) (i): संगठन, कार्यों और कर्तव्यों का विवरण

रक्षा विभाग के कार्य निम्नानुसार हैं:-

  1. भारत की रक्षा
  2. संवेदनशील क्षेत्रों और संवेदनशील बिंदुओं सहित नागरिक सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा-नीति/योजना, जम्मू-कश्मीर नीति में संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों की सुरक्षा और नियमित मामले ।
  3. विदेशी भाषा स्कूल, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आईएनडीयू), रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय , राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी) / सैन्य स्कूल / लॉरेंस स्कूल, सैनिक स्कूल यूनिट।
  4. संकट प्रबंधन योजना 2003 और आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी मामले, आपदा प्रबंधन पर रक्षा मंत्रालय की एसओपी तैयार करना।
  5. मानचित्र प्रतिबंध नीति और राष्ट्रीय दूरस्थ संवेदी एजेंसी से संबंधित मामले, गृह मंत्रालय द्वारा प्रख्यापित इनर लाइन नीति से संबंधित मामले, हवाई फोटोग्राफी के लिए मंजूरी, हवाई तस्वीरों/प्रतिबंधित मानचित्रों को क्षति, पर्वतारोहण अभियानों/ट्रेकिंग अभियानों और साहसिक गतिविधियों की सुरक्षा मंजूरी, सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए सुरक्षा मंजूरी - नीतिगत एवं व्यक्तिगत मामले (i) फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम जारी करने (ii) मूल्य वर्धित सेवाओं की शुरूआत (iii) वैश्विक मोबाइल पर्सनल संचार सेवाएं (iv) वायरलेस योजना और समन्वय से संबंधित सुरक्षा मुद्दे ।
  6. मानचित्रों के प्रकाशन के लिए सुरक्षा मंजूरी।
  7. सेना मुख्यालय/क्यूएमजी शाखा के रिमाउंट एवं पशु चिकित्सा निदेशालय से संबंधित प्रशासनिक मामले।
  8. आईएएफ एयरफील्ड्स/प्रतिष्ठानों के आस-पास हैलिपैड, भवनों के निर्माण के लिए एनओसी, आईएएफ प्रतिष्ठानों के आस-पास निजी फर्मों/ पार्टियों द्वारा फिल्मों की शूटिंग हेतु एनओसी ।
  9. रक्षा प्राक्कलनों से भुगतान की गई नागरिक सेवाएं ।
  10. रक्षा अर्जन परिषद से संबंधित सभी सचिवालयी कार्य ।
  11. भारतीय इंजीनियर रक्षा सेवा, एमईएस के सर्वेयर कैडर, एमईएस के आर्किटेक्ट कैडर, एमईएस के बैरक और स्टोर कैडर, भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा (आईएनएमएमएस), भारतीय नौसेना आयुध सेवा (आईएनएएस), एएफएचक्यू सेवाओं के स्थापना और सभी अन्य मामले।
  12. यूनियन वार बुक ।
  13. उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के देशों और स्कैंडिनेवियाई देशों के साथ रक्षा सहयोग, सार्क देशों के साथ रक्षा सहयोग।
  14. रक्षा संपदा महानिदेशालय ।
  15. छावनियों का गठन, छावनी क्षेत्रों का परिसीमन, ऐसे क्षेत्र में स्थानीय स्वशासन, छावनी बोर्डों और प्राधिकरणों के ऐसे क्षेत्रों के भीतर विधान और शक्तियाँ और ऐसे क्षेत्रों में आवास (किराए के नियंत्रण सहित) का प्राधिकार और विनियमन।
  16. डीजीएएफएमएस।
  17. भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए पूंजीगत शीर्ष अधिप्राप्ति।

धारा 4(1) (ख) (ii): रक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की शक्तियां और कर्तव्य

रक्षा विभाग का कार्य विभिन्न स्कंधों में वितरित किया जाता है और प्रत्येक स्कंध का प्रमुख संयुक्त सचिव होता है। प्रत्येक स्कंध में डिवीजन, शाखाएं, अनुभाग / डेस्क होते हैं जिनके प्रमुख क्रमशः निदेशक, उप-सचिव, अवर-सचिव, अनुभाग अधिकारी / डेस्क अधिकारी होते हैं, अनुभाग / डेस्क अधीनस्थ कर्मचारियों अर्थात मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस), कनिष्ठ सचिवालय सहायक (जेएसए), वरिष्ठ सचिवालय सहायक (एसएसए), सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) आदि द्वारा संचालित होते हैं ।

इन स्कंधों के नाम और इनकी प्रमुख जिम्मेवारियों का विवरण निम्नानुसार हैः-

क्रमांक विंग मुख्य कार्य
1. संयुक्त सचिव (स्थापना/संसद/योजना) रक्षा मंत्रालय ( सचिवालय ) के स्थापना मामले , सिविल कार्मिकों के नीतिगत मामले और व्यक्तिगत अनुशासनात्मक मामले, भर्ती नियम तैयार करना, संगठन के कार्य और पद्धति (ओ एंड एम), लोक शिकायतें, अवमानना याचिकाओं की निगरानी, मंत्रालय में राजभाषा नीति का कार्यान्वयन, संसद से संबंधित सभी मामले, विभिन्न समितियों की सिफारिशों आदि का कार्यान्वयन ।
2. संयुक्त सचिव (प्रशिक्षण एवं चिकित्सा) सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं का प्रशासन।
3. संयुक्त सचिव (बीआर) सीमा सड़क विकास बोर्ड से संबंधित मामले, जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरईएफ) के स्थापना मामले।
4. संयुक्त सचिव (भूमि एवं वर्क्स) छावनियों का गठन, छावनी क्षेत्रों का परिसीमन, ऐसे क्षेत्र में स्थानीय स्वशासन, छावनी बोर्डों और प्राधिकरणों के ऐसे क्षेत्रों के भीतर विधान और शक्तियाँ और ऐसे क्षेत्रों में आवास (किराए के नियंत्रण सहित) का विनियमन, एमई और समकक्ष के ग्रेड से ऊपर एमईएस के सिविल अधिकारियों की तैनाती/ स्थानांतरण।
5. सीएओ और संयुक्त संचिव (समारोह) गणतंत्र परेड, बीटिंग रिट्रीट समारोह, शहीद दिवस और स्वतंत्रता दिवस ध्वजारोहण समारोह जैसे राष्ट्रीय समारोहों का आयोजन।
6. संयुक्त सचिव (सशस्त्र सेना) भारतीय तटरक्षक कार्मिकों, सीएसडी, नौसेना के निचले फार्मेसन्स में कार्यरत सिविल कर्मचारियों से संबंधित मैनपावर ( केवल रक्षा प्राक्कलनों से भुगतान किए गए सिविलियन) के प्रशासनिक/स्थापना मामले, हाइड्रोग्राफिक और संबंधित मामले आदि।
7. संयुक्त सचिव (आईसी) मित्र देशों (एफएफसी) के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग कार्यकलापों का समन्वयन और अनुवर्ती कार्य ।
8. सीवीओ (एमईएस और बीआरओ) और सीवीओ ( डीओडी ) सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं और सीमा सड़क संगठन के संबंध में सीवीसी, मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीई) को तिमाही प्रगति रिपोर्ट भेजना, रक्षा मंत्रालय ( सचिवालय ) के कर्मचारियों और सेना मुख्यालय, डीआरडीओ, अन्तर-सेना संगठनों, सीजीडीए और सेना मुख्यालय के निचले संगठनों के समूह 'क' सिविल अधिकारियों के संबंध में सतर्कता मामले ।
9. संयुक्त सचिव (एएम और एमएस) भारतीय नौसेना के लिए जहाजों, पनडुब्बियों की पूंजीगत अधिप्राप्ति और भारतीय तटरक्षक के लिए एयर प्लेटफार्मों के साथ भारतीय नौसेना और तटरक्षक के लिए उपस्कर और हथियारों की पूंजीगत शीर्ष के तहत खरीद ।
10. संयुक्त सचिव और एएम(वायु) भारतीय वायु सेना के लिए पूंजीगत शीर्ष के तहत अधिप्राप्ति । आईडीएस मुख्यालय द्वारा तैयार वार्षिक अधिग्रहण योजना (एएपी) की जांच ।
11. संयुक्त सचिव एवं एएम (एलएस) और इंचार्ज (समन्वय) भारतीय सेना के लिए पूंजीगत शीर्ष के तहत अधिप्राप्ति । आईडीएस मुख्यालय द्वारा तैयार वार्षिक अधिग्रहण योजना (एएपी) की जांच । मुख्यालय द्वारा तैयार वार्षिक अधिग्रहण योजना (एएपी) की जांच के साथ रक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय का कार्य, मिशन आई गोट कर्मयोगी, आरटीआई से जुड़े सभी मामले, रक्षा सचिव से मंत्रिमंडल सचिव को मासिक अर्धशासकीय पत्र, सीपी ग्राम पोर्टल इत्यादि ।
12. रक्षा (वित्त) रक्षा मंत्रालय का वित्त विभाग वित्तीय विविक्षाओं से जुड़े सभी मामलों का निपटान करता है । यह रक्षा बजट व्यय से जुड़े सभी प्रस्तावों पर नियंत्रण रखता है और यह सभी आतंरिक ऑडिट और रक्षा व्यय के लेखांकन हेतु जिम्मेदार है । यह पूर्णतया रक्षा मंत्रालय से संबंद्ध है और सलाहकारी की भूमिका निभाता है ।

धारा 4(1)(ख)(iii): निर्णय लेने की प्रक्रिया सहित पर्यवेक्षण और जवाबदेही के चैनलों में प्रक्रिया का अनुसरण ।

मामलों को सामान्य रूप से विभाग / डैस्क स्तर पर शुरू किया जाता है और फाइलों को प्रत्येक मामले की आवश्यकता के अनुसार अपर सचिव / उप सचिव / निदेशक / संयुक्त सचिव / अपर सचिव / विशेष सचिव / सचिव / मंत्रियों को भेजा जाता है । कार्य आवंटन की सूचना उपरोक्त खण्ड 4(ख) (ii) में दी गई है और इस प्रावधान में जवाबदेही भाग में वितरण का कार्य विंगस / डिविजनों के बीच इंगित किया गया है ।

धारा 4(1)(ख)(iv): कार्यों के निर्वाह हेतु नियम/भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पूर्णतया अनुसरण किया गया है ।

भारत सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों का पूर्णरूप से अनुपालन किया जाता है ।

धारा 4(1)(ख) (v): नियमों, अधिनियमों, अनुदेशों नियमावली और रिकार्डों को इसके द्वारा अथवा इसके तहत इसके नियंत्रण अथवा कार्यों को इसके निरसन हेतु कर्मचारियों के द्वारा उपयोग किया जाता है ।

संगठन के कार्यों के निर्वहन के लिए भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों, विनियमों, अनुदेशों, मैनुअलों आदि का पालन किया जाता है ।

कार्यों को इसके निरसन के लिए नियमों, अधिनियमों, अनुदेशों और नियमावली इत्यादि को समय-समय पर सरकार द्वारा जारी किया जाता है ।

अनुकंपा आधारित नियुक्ति हेतु योजना - चयन हेतु संबंधित योग्यता बिन्दु और संशोधित प्रक्रिया ।

धारा 4(1) (ख) (vi): दस्तावेजों के वर्गों को इसके द्वारा धारित किए जाने का विवरण अथवा इसके नियंत्रणाधीन ।

इस मंत्रालय के दोनों वर्गीकृत और अवर्गीकृत दस्तावेजों से संबंधित बिजनेस का आबंटन मौजूदा भारत सरकार (बिजनेस नियमों का आवंटन), 1961 के अनुसार किया जाता है ।

धारा 4(1) (ख) (vii): किसी भी व्यवस्था का ब्यौरा जो परामर्श अथवा इसकी नीति या उसके कार्यान्वयन के लिए इसकी तैयारी से जुड़े जन सदस्यों द्वारा परामर्श के साथ अथवा प्रत्यावेदन हेतु मौजूद है ।

विभाग, सामान्यतः अपने नीति या कार्यान्वयन के निर्माण के लिए साधारण लोगों से सीधे तौर से नहीं निपटता ।

धारा 4(1) (ख) (viii): बोर्ड परिषदों, समितियों और अन्य निकायों जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों का हिस्सा है जो इसके भाग के रूप में गठित है या इसकी सलाह के उद्देश्य के लिए और जैसे कि बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकों को सार्वजनिक रूप से खुले है, या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त सार्वजनिक रूप से सुलभ है रक्षा विभाग के तहत समितियों, परिषदों बोर्डों आदि के तहत है :-

रक्षा विभाग के अन्तर्गत कुछ समितियों, परिषद, निकाय इस प्रकार हैं :--

1. भारतीय नियंत्रण बोर्ड, कैंटीन भंडार विभाग ।
2. बोर्ड ऑफ गवर्नर्स सरकारी स्कूल सोसाइटी ।
3. सीमा सड़क विकास बोर्ड ।
4. एनसीसी पर केंद्रीय सलाहकार समिति
5. टीए पर केन्द्रीय सलाहकार समिति ।
6. केन्द्रीय सम्मान और पुरस्कार समिति ।
7. रक्षा मंत्रालय के परामर्शदाता समिति ।
8. हिन्दी सलाहकार समिति ।

धारा 4(1) (ख) (ix): अधिकारियों और कर्मचारियों की निदेशिका

अधिकारियों की निदेशिका

Sधारा 4(1) (ख) (x): अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक

रक्षा विभाग में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा वेतनमानों तथा यथास्वीकार्य अन्य भत्तों के संशोधन के पश्चात नीचे दिए गए उनके संबंधित वेतन बैंड /लेवल में मासिक वेतन का भुगतान किया जा रहा है ।

क्र.सं.

पद

लेवल

वेतन बैंड

1

सचिव

17

225000

2

विशेष सचिव

16

205400-224400

3

अपर सचिव

15

182200-224100

4

संयुक्त सचिव

14

144200-218200

5

निदेशक एवं समकक्ष

13

118500-214100

6

उप सचिव / वरिष्ठ प्रधान निजी सचिव एवं समकक्ष

12

78800-209200

7

अवर सचिव / प्रधान निजी सचिव एवं समकक्ष

11

67700-208700

8

अनुभाग अधिकारी / निजी सचिव एवं समकक्ष (उक्त ग्रेड में 4 वर्ष की सेवा पूरी होने पर एनएफएस)

10

56100-177500

9

अनुभाग अधिकारी / निजी सचिव एवं समकक्ष

8

47600-151100

10

सहायक / वैयक्तिक सहायक एवं समकक्ष

7

44900-142400

11

उच्च श्रेणी लिपिक / आशुलिपिक एवं समकक्ष

4

25500-81100

12

अवर श्रेणी लिपिक / स्टाफ कार ड्राइवर एवं समकक्ष

2

19900-63200

13

एमटीएस

1

18000-56900

खण्ड 4(1) (ख) (xi): सभी योजनाओं, प्रस्तावित व्ययों और किए गए वितरण संबंधी रिपोर्ट पर ब्यौरे को इंगित करते हुए प्रत्येक एजेंसी को आबंटित बजट

(i) रक्षा व्यय का अनुदानवार ब्यौरा

(रु. करोड़ में)
अनुदान का ब्यौरा वास्तविक 2019-20 राजस्व प्राक्कलन 2020-21 बजट प्राक्कलन 2021-22
अनुदान सं. 19 एमओडी (विविध) 16521.62 15914.06 15257.34
अनुदान सं. 20 रक्षा सेनाएं (राजस्व)) 207572.15 209312.00 212027.56
अनुदान सं. 21 रक्षा सेनाओं पर पूंजीगत परिव्यय 111092.43 134510.00 135060.72
अनुदान सं. 22 रक्षा पेंशन 117810.24 125000.00 115850.00
कुल 452996.44 484736.06 478195.62

(ii) रक्षा व्यय/प्राक्कलनों का सेना/विभागवार ब्रेकअप

(रु. करोड़ में)
रक्षा सेनाएं प्राक्कलनों का ब्यौरा वास्तविक 2020-21 (रा.+पूंजी) राजस्व प्राक्कलन (रा.पूंजी) 2020-21 बजट प्राक्कलन 2021-22
सेना 171530.26 177828.95 184176.03
नौसेना 49833.99 60890.57 56614.23
वायु सेना 75228.54 86825.98 83867.30
आयुध निर्माणियां महा निदेशालय 3678.76 636.74 778.88
गुणता आश्वासन महा निदेशालय 1017.86 1173.47 1194.40
अनुसंधान और विकास 17375.17 16466.29 20457.44
कुल 318664.58 343822.00 347088.28

खण्ड 4(1) (ख) (xii): आबंटित धनराशि तथा प्रत्येक कार्यक्रम वे लाभार्थियों सहित सब्सिडी कार्यक्रमों के निष्पादन का तरीका

शून्य

खण्ड 4(1) (ख) (xiii): इसके द्वारा मंजूर किए गए रियायतों परमिटों तथा प्राधिकारों के प्राप्तकर्त्ताओं के विवरण

शून्य

खण्ड 4(1) (ख) (xiv): इसके पास उपलब्ध अथवा धारित सूचना संबंधी विववरण

रक्षा मंत्रालय की वेबसाइअ पर उपलब्ध सूचना के अनुसार

खण्ड 4(1) (ख) (xv): यदि आम लोगों के इस्तेमाल के लिए रखा जा रहा हो तो पुस्तकालय या वाचनालय के कार्यकारी घंटों सहित नागरिकों को सूचना प्राप्त करने हेतु उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा

रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट । तथापि, इस विभाग द्वारा लोगों के इस्तेमाल के लिए कोई पुस्तकालय अथवा वाचनालय नहीं रखा जाता है ।

01.01.2010 से 30.12.2012 तक की अवधि के लिए रक्षा मंत्री/ रक्षा राज्य मंत्री/ संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की सूची