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वित्त विभाग

रक्षा मंत्रालय में वित्‍त प्रभाग

रक्षा मंत्रालय में वित्‍त प्रभाग वित्‍त संबंधी सभी मामलों को देखता है। सचिव (रक्षा वित्‍त)/वित्‍तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) इस प्रभाग का प्रमुख होता है और मंत्रालय के साथ पूर्ण रूप से सत्‍यनिष्‍ठ होता है। वह सलाहकार की भूमिका निभाता है। रक्षा मंत्रालय शीघ्र निर्णय लेने को सुकर बनाने के लिए सौंपी गई वर्धित वित्‍तीय शक्तियों का प्रयोग करता है। इन शक्तियों का प्रयोग वित्‍त प्रभाग की सहमति से किया जाता है। वित्‍त प्रभाग रक्षा सेना प्राक्‍कलन, रक्षा मंत्रालय का सिविल प्राक्‍कलन और रक्षा पेंशन से संबंधित प्राक्‍कलन को तैयार करने और निगरानी रखने का काम करता है।

वित्‍त प्रभाग की भूमिका और उत्‍तरदायित्‍व

  1. वित्‍तीय महत्‍व से संबंधित सभी रक्षा मामलों की जांच करना।
  2. रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्‍यालयों के विभिन्‍न पदाधिकारियों को वित्‍तीय सलाह प्रदान करना।
  3. रक्षा मंत्रालय के एकीकृत वित्‍त प्रभाग की तरह कार्य करना।
  4. व्‍यय से संबंधित सभी स्‍कीमों/प्रस्‍तावों को तैयार करना और उनके कार्यान्‍वयन में सहायता देना।
  5. रक्षा योजनाएँ बनाने और उनके कार्यान्‍वयन में सहायता प्रदान करना।
  6. रक्षा बजट के साथ ही रक्षा सेनाओं के अन्‍य प्राक्‍कलन, रक्षा मंत्रालय के सिविल प्राक्‍कलन रक्षा पेंशन के संबंध में प्राक्‍कलन को तैयार करना और बजट संबंधी स्‍कीम की प्रगति की निगरानी करना।
  7. यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्‍यय में न तो कोई अधिक कमी हुई है और न ही कोई अप्रत्‍याशित बढ़ोत्‍तरी, बजट के बाद निगरानी रखना।
  8. सशस्‍त्र बल मुख्‍यालयों की शाखाओं के प्रमुखों को उनके वित्‍तीय जिम्‍मेदारियों के निर्वहन के संबंध में सलाह देना।
  9. रक्षा सेवाओं के लिए लेखांकन प्राधिकरण के रूप में कार्य करना।
  10. रक्षा सेवाओं के लिए विनियोग लेखा तैयार करना।
  11. रक्षा लेखा महानियंत्रक के जरिए रक्षा व्‍यय के भुगतान और आतंरिक लेखा-परीक्षा की जिम्‍मेदारी का निर्वहन करना।