अधिग्रहण शाखा (भूमि प्रणाली)
अधिग्रहण शाखा (भूमि प्रणाली) महानिदेशालय (अधिग्रहण) के तहत कार्य करता है और संयुक्त सचिव तथा अधिग्रहण प्रबंधक (एलएस) इसका अध्यक्ष है। यह शाखा भारतीय सेना के पूंजीगत अधिग्रहण के लिए उत्तरदायी है।
रक्षा मदों/उपकरणों का पूंजीगत अधिग्रहण समय-समय पर यथा संशोधित रक्षा अधिप्राप्ति प्रक्रिया जिसमें पूंजीगत अधिग्रहण प्राप्ति के लिए दिशानिर्देश और विस्तृत प्रक्रिया दी गई है, के अनुसार प्रक्रियाधीन किया जाता है। प्रचलित अधिप्राप्ति प्रक्रिया रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 है जो आयात पर निर्भरता घटाकर स्वदेशी रक्षा क्षमता को बढ़ाने, आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित करने पर जोर देती है।
जेएस और एएम (एलएस) प्रस्ताव हेतु अनुरोधों की समीक्षा के लिए कॉलेजिएट और संविदाओं को अंतिम रूप देने के लिए वाणिज्यिक वार्ता समिति (सीएनसी) का अध्यक्ष होता है। अधिग्रहण शाखा (भूमि प्रणाली) लेखापरीक्षा पैरा, संसदीय प्रश्नों और संसदीय समितियों से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रियाओं पर भी कार्यवाही करता है। इस शाखा में निम्नलिखित शामिल हैं:-
(क) दो निदेशक/उप सचिव जो पूँजीगत अधिग्रहण मामलों पर कार्यवाही करते हैं।
(ख) निदेशक (अधिग्रहण) जो समन्वय, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) और रक्षा अधिप्राप्ति बोर्ड (डीपीबी) के कार्य का संचालन करता है।
(ग) निदेशक (डीएसी) जो रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) के कार्य का संचालन करता है।