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प्र. 5. संक्रियात्मक तैयारी के रूप में आप भारतीय नौसेना को किस श्रेणी में रखते हैं?

उत्तरः भारतीय नौसेना राष्ट्र के समुद्रवर्ती हितों की रक्षा के लिए पूर्णतः तैयारी की स्थिति में है । देश के समुद्रवर्ती हितों में समुद्रवर्ती चुनौतियों के विरुद्ध भारत की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना और खतरों के साथ-साथ हमारे समुद्रवर्ती व्यापार तथा व्यापारी जो इसमें शामिल है, की सुरक्षा सम्मिलित है । हमारी तटीय रेखा के सामने आज अपकारी नान-स्टेट के साथ-साथ राज्य द्वारा प्रायोजित तत्वों से व्यापक सुरक्षा चुनौतियां हैं राष्ट्र के समुद्रवर्ती हितों की रक्षा के लिए नौ सेना चार प्रकार की भूमिकाएं अर्थात सैन्य, कूटनीतिक, रक्षीदल एवं हितैषी को निष्पादित करती है । इन भूमिकाओं के लिए हमारे पास पर्याप्त क्षमता है और हम नान स्टेट एक्टरों तथा आधुनिक दिवस जलदस्यु के द्वारा संभावित नई चुनौतियों का सामना करने के लिए सतत विकासशील भी है ।