उत्तरः तेल और उर्वरकों सहित भारत के व्यापार का एक बड़ा प्रतिशत अदन की खाड़ी से गुजरता है । पोत परिवहन मंत्रालय ने आंकलन किया है कि अदन की खाड़ी से होने वाले भारत आयातों का मूल्य 50 बिलियन अमेरिकी डालर और निर्यातों का मूल्य 60 बिलियन अमेरिकी डालर था । जो पोत इस मार्ग का उपयोग करते हैं, के माध्यम से समुद्रवर्ती व्यापार की सुरक्षा और बाधा रहित निरन्तरता मुख्यतः राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि यह प्रत्यक्ष रूप से हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है । यद्यपि यह कार्य हमारे व्यापार बाकी विदेशी जहाजों से लाया जाता है, का केवल 13% है । अधिक विदेशी झंडेवाले पोतों के कर्मीदलों में भारतीय नागरिक शामिल हैं क्योंकि विश्व के समुद्री यात्रियों में से 6-7% भारत का विशाल समुद्री यात्री समुदाय (लगभग 100,000 की संख्या) है ।
अदन की खाड़ी, सोमालियाई तट, ओमानी तट और अफ्रीकन तटरेखा तथा मालदीव के बीच में समुद्री डकैती एक व्यापक धमकी है जिसके विरुद्ध भारतीय नौसेना ही नहीं बल्कि विश्व की कई नौसेनाएं लड़ रही हैं । भारत अपने ओर से अदन की खाड़ी और पूर्वी अरब सागर में समुद्री डकैती रोधी कार्रवाई में सक्रिय रूप से शामिल है । भारतीय नौसेना ने अक्तूबर, 2008 से अदन की खाड़ी में समुद्री डकैतीरोधी गश्तों को प्रारंभ किया था तभी से एक पोत को नियमित रूप से तैनात किया गया है । इसके अतिरिक्त भारतीय ध्वज वाले पोतों की सुरक्षा के अलावा अन्य देशों के पोतों को भी सुरक्षा प्रदान की गई है । भारतीय सुरक्षा के अधीन कोई भी पोत अभी तक समुद्री डाकुओं द्वारा हाइजैक नहीं हुआ है ।